Category: रिपोर्ट
पुस्तक चर्चा2023
साहित्यायन ट्रस्ट के स्थापना दिवस समारोह की रिपोर्ट
४ सितंबर २०१७ साहित्यायन ट्रस्ट द्वारा दूसरा स्थापना दिवस समारोह के रूप में मनाया गया । कार्यक्रम का शुभारंभरंभ दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात होनहार युवा रजत पूरी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से! इस अवसर पर ज्ञानपीठ के निदेशक आदरणीय लीलाधर मंडलोई द्वारा प्रस्तुत ‘आम नागरिक का दायित्व’ विषय पर सारगर्भित व्याख्यान ने एक बार सोचने पर विवश कर दिया। ट्रस्ट के अध्यक्ष ब्रजेंद्र त्रिपाठी द्वारा स्वागत भाषण एवं ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारियाँ प्रस्तुत की गई, महासचिव आरती स्मित द्वारा ‘बाल शिक्षा जागरूकता अभियान’ के अंतर्गत आरंभ ‘सावित्री बाई फुले पुस्तक योजना’ पर प्रकाश डाला गया। संस्थापक सदस्य अर्शदीप सिंह द्वारा ट्रस्ट की गतिविधियों का सार स्लाइड शो के रूप में प्रस्तुत किया गया। ‘बाल पुस्तक ‘मैं अच्छी हूँ ना!’ का लोकार्पण पुस्तक की नायिका आद्रिका उर्फ़ आशी, अनिका , दीक्षा एवं वेदांशी , ट्रस्ट के संरक्षक द्वय डॉ. हरीश नवल एवं डॉ. शिवमंगल सिंह ‘मानव’ , चित्रकार श्रेया श्रुति एवं डिजाइनर अर्शदीप सिंह , प्रोफ़ेसर लल्लन प्रसाद , आरती स्मित, मनाली राज, एवं प्रणीता एवं अन्य गणमान्य व्यक्तित्व ने किया ।
इस पुस्तक को विजुअल स्वरूप दिया cost n cost की प्रोप्राइटर और संस्थापक सदस्य प्रणीता ने। निर्माण-निर्देशन प्रणीता का, एडिटिंग कार्यकारी सदस्य अजीत कुमार की। नायिका 3 वर्ष से कम उम्र की आद्रिका है, जिसने अपने स्वर और अभिनय से पुस्तक को जीवंत कर दिया। यह वीडियो बेहद पसंद किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत आद्रिका की ‘गुरु ब्रह्मा’ श्लोक से, फिर ॐ भुर्भूव: … एवं वंदे मातरम आदि से हुई। नन्ही आद्रिका ने संस्कृत श्लोक एवं गायत्री मंत्र ज़ुबानी सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। 3 वर्षीया अनिका ने भी ‘वंदे मातरम’ सुनाया। छोटी सी दीक्षा एवं प्यारी वेदांशी ने ‘डोला रे ‘पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया तो कनिका एवं अर्शदीप सिंह ने भांगड़ा नृत्य से लोकरंजन किया। पंकज मलासी ने उपशास्त्रीय नृत्य से दर्शक को भाव विभोर किया। ग़ज़ल गायक मुकेश कुमार सिन्हा के साथ इंद्रीश की तबले पर संगत ने दर्शक श्रोता को ग़ज़ल से रसास्वादन करवाया और कार्यक्रम की संपन्नता यशस्वी रोहित आनंद के बांसुरी वादन से हुई। शीतल स्वर लहरी अपने प्रवाह में समग्र तनाव से मुक्त कर शांत प्रदेश में ले चली थी।
आभार व्यक्त करते हुए आरती स्मित ने कहा, ”आप अपने हैं, इसलिए आए । अपनों को धन्यवाद नहीं प्रणाम किया जाता है। सभी को साहित्यायन परिवार की ओर से नमन”।
– आरती स्मित
जन्म : 2 अगस्त, कटिहार,बिहार
संप्रति आवास : गणेशनगर पांडवनगर कॉम्प्लेक्स ,दिल्ली –92
शिक्षा :स्नातकोत्तर (हिंदी), पीएच डी, ग्राम विकास में डिप्लोमा, नाटक कलाकार आकाशवाणी – बी उच्च श्रेणी
मौलिक कृतियाँ:अन्तर्मन एवं ज्योति कलश(कविता संग्रह), बदलते पल(कहानी संग्रह), फूल- सी कोमल वज्र –सी कठोर ( स्त्री विमर्श पर आधारित समालोचनात्मक कृति), तुम से तुम तक (कविता संग्रह)
संपादित पुस्तक :पगध्वनि (कविता संग्रह), बिखरे पुष्प (कविता संग्रह)
पुस्तकों में संकलित रचनाएँ : देश देशांतर , लघुकथाएँ जीवन मूल्यों की, आधी आबादी का आकाश,उजास साथ रखना, डॉ. मधुकर गंगाधर की कहानी यात्रा, स्त्री सृजनात्मकता का स्त्री पाठ,
बंदे शक्ति स्वरूपा
अनूदित कृतियाँ: स्वामी विवेकानंद : युवाओं की शाश्वत प्रेरणा (मूल अंग्रेज़ी : सन्दीपन सेन) ;राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ,नई दिल्ली ; दंबदेणीय अस्न ; सार्क कल्चर सेंटर, कोलंबो एवं दर्जन भर से अधिक बाल कृतियों का अनुवाद ;प्रथम बुक्स ।
संप्रति कार्य /व्यवसाय:महासचिव ;साहित्यायन ट्रस्टस्वतंत्र लेखन,संपादन, आलोचना, समीक्षा एवं अनुवादकार्य(विभिन्न प्रकाशन केन्द्रों के लिए,विशेष- प्रथम बुक्स, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, सार्क कल्चर सेंटर एवं एमनेस्टी इन्टरनेशनल के लिए)
कात्यायनी प्रोडक्शनके लिए ‘चैतन्य महाप्रभु’ धारावाहिक नाटक लेखन एवं प्रसारण। आकाशवाणी के लिए कई धारावाहिकों एवं नाटकों का लेखन, भूमिका एवं प्रसारण । आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से कहानी, कविता का निरंतर प्रसारण । तीस से अधिक देश-विदेश की मुद्रित और वेब पत्रिकाओं में कई विधाओं – कहानी,कविता, आलेख/शोधपत्र, यात्रावृतांत, लघुकथा, हाइकु,चोका का निरंतर प्रकाशन।
प्रमुख सम्मान : काशी रत्न , नारायणी साहित्य सम्मान, गेस्ट ऑफ ऑनर (रोटरी क्लब)एक्सीलेंसी अवार्ड (मानव अधिकार संगठन)
सम्पर्क : गणेशनगर पांडवनगर कॉम्प्लेक्स ,दिल्ली –92
सद्भावना दिवस – सम्पादक
20 अगस्त 2017 को सद्भावना दिवस के शुभ अवसर पर राजेन्द्र आश्रम,( जो घुमंतू जनजातीय बच्चों का आवासीय परिसर है) में बाल पुस्तकालय का स्थापना समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कक्षा 1 से 5 तक के लिए पेंटिंग कार्यशाला एवं कक्षा 6 से 10 तक निबंध कार्यशाला आयोजित की गई। वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुधांशु चतुर्वेदी ने फीता काटकर पुस्तकालय का उदघाटन किया एवं वरिष्ठ साहित्यकार, संपादक श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ने कार्यशाला में बच्चों को लेखन की कई तकनीकी बातों से परिचित कराया। श्री अतुल प्रभाकर(विष्णु प्रभाकर जी के पुत्र), श्री बिशन सेठ, जॉय मुखर्जी , निवेदिता कोले एवं अन्य अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को रौनक प्रदान की।
कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में साहित्यायन परिवार की नन्ही सदस्या आद्रिका ने वंदे मातरम्, नन्हा मुन्ना राही गीत के साथ ही कई कविताओं से बाल कार्यक्रमों का शुभारंभ किया , इसके बाद आश्रम के बच्चों ने भी कविताएँ , कहानियाँ सुनाकर सबका मनोरंजन किया। इस पुनीत अवसर पर हमारे अध्यक्ष ब्रजेन्द्र त्रिपाठी ने कार्यक्रम का आगाज़ करते हुए ट्रस्ट के कार्यों से अतिथियों का परिचय करवाया। आश्रम प्रभारी श्री चमनलाल ने आश्रम के बारे में जानकारी दी। सभी अधिशासी सदस्यों— प्रकर्ष, श्रेया श्रुति, अर्शदीप सिंह, डॉ. मनाली राज , प्रणीता एवं अजीत कुमार ने अपने भरपूर सहयोग से हर बार की तरह इस बार भी कार्यक्रम को ऊँचाई दी। कार्यक्रम का समापन पुरस्कार एवं सभी बच्चों के बीच उपहार वितरण से हुआ। आप सभी की दुआओं का असर है कि हम विकट परिस्थितियों में भी समाज के हितार्थ कुछ कर पा रहे हैं।
-0– डॉ आरती स्मित
साहित्यायन ट्रस्ट का स्थापना दिवस समारोह डॉ. आरती स्मित
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4 सितंबर 2017 साहित्यायन ट्रस्ट द्वारा “दूसरा स्थापना दिवस समारोह” के रूप में मनाया गया । कार्यक्रम का शुभारंभरंभ दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात होनहार युवा रजत पूरी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से! इस अवसर पर ज्ञानपीठ के निदेशक आदरणीय लीलाधर मंडलोई द्वारा प्रस्तुत ‘आम नागरिक का दायित्व’ विषय पर सारगर्भित व्याख्यान ने एक बार सोचने पर विवश कर दिया। ट्रस्ट के अध्यक्ष ब्रजेंद्र त्रिपाठी द्वारा स्वागत भाषण एवं ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारियाँ प्रस्तुत की गईं। महासचिव आरती स्मित द्वारा ‘बाल शिक्षा जागरूकता अभियान’ के अंतर्गत आरंभ ‘सावित्री बाई फुले पुस्तक योजना’ पर प्रकाश डाला गया। संस्थापक सदस्य अर्शदीप सिंह द्वारा ट्रस्ट की गतिविधियों का सार स्लाइड शो के रूप में प्रस्तुत किया गया। ‘बाल पुस्तक ‘मैं अच्छी हूँ ना!’ का लोकार्पण पुस्तक की नायिका आद्रिका उर्फ़ आशी, अनिका, दीक्षा एवं वेदांशी, ट्रस्ट के संरक्षक द्वय डॉ. हरीश नवल एवं डॉ. शिवमंगल सिंह ‘मानव’ , चित्रकार श्रेया श्रुति एवं डिज़ाइनर अर्शदीप सिंह, प्रोफ़ेसर लल्लन प्रसाद, आरती स्मित, मनाली राज, एवं प्रणीता एवं अन्य गणमान्य व्यक्तित्व ने किया। इस पुस्तक को विज़ुअल स्वरूप दिया cost n cost की प्रोप्राइटर और संस्थापक सदस्य प्रणीता ने। निर्माण-निर्देशन प्रणीता का, एडिटिंग कार्यकारी सदस्य अजीत कुमार की। नायिका 3 वर्ष से कम उम्र की आद्रिका है, जिसने अपने स्वर और अभिनय से पुस्तक को जीवंत कर दिया। यह वीडियो बेहद पसंद किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत आद्रिका की ‘गुरु ब्रह्मा’ श्लोक से, फिर ॐ भुर्भूव: … एवं वंदे मातरम आदि से हुई। नन्ही आद्रिका ने संस्कृत श्लोक एवं गायत्री मंत्र ज़ुबानी सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। 3 वर्षीया अनिका ने भी ‘वंदे मातरम’ सुनाया। छोटी सी दीक्षा एवं प्यारी वेदांशी ने ‘डोला रे’ पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया तो कनिका एवं अर्शदीप सिंह ने भांगड़ा नृत्य से लोकरंजन किया। पंकज मलासी ने उपशास्त्रीय नृत्य से दर्शक को भाव विभोर किया। ग़ज़ल गायक मुकेश कुमार सिन्हा के साथ इंद्रीश की तबले पर संगत ने दर्शक श्रोता को ग़ज़ल से रसास्वादन करवाया और कार्यक्रम की संपन्नता यशस्वी रोहित आनंद के बांसुरी वादन से हुई। शीतल स्वर लहरी अपने प्रवाह में समग्र तनाव से मुक्त कर शांत प्रदेश में ले चली थी। आभार व्यक्त करते हुए आरती स्मित ने कहा, “आप अपने हैं, इसलिए आए। अपनों को धन्यवाद नहीं प्रणाम किया जाता है। सभी को साहित्यायन परिवार की ओर से नमन”। |