कविता : कहाँ ख़त्म होती है बात \\ कवि एवं स्वर : नरेंद्र मोहन \\ यादगार…

तीन वर्ष हो गए इस दैहिक दुनिया से प्रस्थान हुए….आप कहीं भी रहें,आपकी आवाज हमारे भीतर गूँजती रहेगी… और आप  हम सब मे मुस्कुराते नज़र आएंगे..

कविता : किशोर उँगलियाँ ; कवयित्री : आरती स्मित

मज़दूर भाइयों को समर्पित कविता ‘किशोर उंगलियाँ’

टिप्पणी

बाल और किशोर मन की धड़कनों को समझने वाली कवयित्री आरती स्मित ने “किशोर उँगलियाँ” के माध्यम से बाल मज़दूरों के उन अनुभवों को स्वर प्रदान करने की कोशिश की है जिन्हें हम और आप गली-नुक्कड़ पर जूतों की पॉलिश और मरम्मत करते हुए पाते हैं. ये किशोर जूतों के स्पर्श के माध्यम से सपने बुनते हैं और आशा-निराशा में डूबते उतराते हैं और अंत में इस सोच से भी ऊपर उठकर निरासक्त हो जाते हैं.कवयित्री को इतनी सुंदर बाल-रचना के लिए साधुवाद !

विजय कुमार मल्होत्रा

कविता : माँ जानती है सब कुछ ; कवयित्री : आरती स्मित

2013 में आकाशवाणी से प्रसारित एवं 2016 में तीसरे कविता संग्रह ‘तुम से तुम तक’ का हिस्सा बनी कविता ‘माँ जानती है सब कुछ’अब यू ट्यूब पर उपलब्ध है।

कविता : अब?? कवयित्री : आरती स्मित

जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंचकर ,खो चुके समय  पर पछताते इंसान की कविता ‘अब’??
        मित्रो,यह कविता युवा पाठक एवं उर्दू शायर सुशान्त चट्टोपाध्याय के स्वर में आपने पहले भी सुना होगा। कुछ अन्य पाठक मित्रों की माँग रही कि इसे अपना स्वर दूँ। तो लीजिए 8 महीने बाद ही सही, आप मित्रों की माँग पूरी हुई।आपका स्नेह मेरी पूँजी है। प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा।

कविता : माँ की याद ; कवयित्री : आरती स्मित

कविता ‘माँ की याद’ जो 2013 में आकाशवाणी,दिल्ली सहित कई मंचों पर श्रोताओं का प्यार पाती रही,फिर 2016 में तीसरा कविता संग्रह ‘तुम से तुम तक’ का हिस्सा बनी।अब ब्लॉग और यू ट्यूब पर आपके लिए… पुस्तक अमेजन पर उपलब्ध है।

कविता : माँ की याद; पुस्तक : तुम से तुम तक; कवयित्री : आरती स्मित

अमेजन पर उपलब्ध पुस्तक की लिंक

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कविता ‘माँ की याद’ जो 2013 में आकाशवाणी,दिल्ली सहित कई मंचों पर श्रोताओं का प्यार पाती रही,फिर 2016 में तीसरा कविता संग्रह ‘तुम से तुम तक’ का हिस्सा बनी। यू ट्यूब पर आपके लिए…