चित्रकथा में कहानी लिखी नहीं होती।बस सूत्रवाक्य की तरह बीच बीच मे दो चार शब्द होते हैं।इसे बिना ड्राफ्ट किए चित्र देखते हुए कहानी बनाकर श्रोताओं के लिए प्रस्तुत करना कठिन तो है,किंतु इससे बच्चे की कल्पनाशीलता और त्वरित बुद्धि का भी पता चलता है।नौ वर्षीया आद्रिका ने चित्रकथा देखते हुए उसे कहानी में ढाला ।
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बाल कहानियाँ : गूगल भैया एवं बस्ती में उजाला;विशेषांक जागृति पत्रिका
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